डिजिटल डेस्क, कोलंबो। कोरोनावायरय के बढ़ते मामलों के चलते श्रीलंका की सीमाएं 21 मई से 10 दिनों के लिए अराइवल के लिए बंद रहेंगी। सिविल एविएशन अथॉरिटी ने बुधवार को ये जानकारी दी। इंटरनेशनल पैसेंजरों के प्रवेश पर रोक लगाने का निर्णय इस साल जनवरी से टूरिज्म इंडस्ट्री को पुनर्जीवित करने के सरकार के प्रयासों के लिए एक झटके की तरह है।
श्रीलंका टूरिज्म डेवलपमेंट अथॉरिटी ने कहा कि अप्रैल 2021 में 4,000 से अधिक पर्यटकों ने श्रीलंका का दौरा किया, जिसमें भारतीय टॉप पर थे। बता दें कि श्रीलंका में महामारी की तीसरी लहर देखी जा रही है। यहां हर दिन 2,000 से ज्यादा मामले सामने आ रहे हैं। देश में मरने वालों की संख्या - जो पहली लहर के दौरान इस क्षेत्र में सबसे कम थी - पिछले कुछ हफ्तों में तेजी से बढ़ी है। मंगलवार संक्रमण से जान गंवाने वालों की संख्या 1,015 तक पहुंच गई। ऐसे में सरकार को यात्रा प्रतिबंध और लॉकडाउन लगाने का फैसला लेना पड़ा है।
इस बीच, श्रीलंका अपने टीकाकरण अभियान को चरणबद्ध तरीके से चला रहा है, जो जनवरी से शुरू हुआ है जिसमें भारत ने कोविशील्ड टीकों की 5,00,000 खुराक दी हैं। श्रीलंका ने सीरम इंस्टिट्यूट को और अधिक टीकों का आर्डर दिया, लेकिन भारत के भीतर कोरोना के मामलों में अचानक आई तेजी की वजह से वैक्सीन नहीं पहुंच सकी है।
रूस की स्पुतनिक वैक्सीन के साथ-साथ चीन के सिनोफार्म टीके वर्तमान में श्रीलंकाई स्वास्थ्य अधिकारियों और सेना द्वारा एडमिनिस्टर किए जा रहे हैं, जिन्हें महामारी के प्रबंधन का काम सौंपा गया है। चीन ने बुधवार को कहा कि वह श्रीलंका को मदद करने के लिए और 5,00,000 सिनोफार्म वैक्सीन दान करेगा।
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