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 कोरोना की बेकाबू रफ्तार को थामने के लिए मिशन संजीवनी कार्यक्रम के तहत दिल्ली से सटे गौतमबुद्ध नगर जिले में होम आइसोलेशन में रह रहे मरीजों को स्वास्थ्य विभाग अब दवाओं की किट उपलब्ध कराएगा। जोमैटो कंपनी ने दवा व किट वितरण के लिए प्रशासन का सहयोग देने के लिए हामी भर दी है। इसका सुविधा का शुभारंभ गुरुवार को डीएम सुहास एलवाई ने किया। उन्होंने ऐप के फूड डिलीवरी ब्वॉय को हरी झंडी दिखाकर आइसोलेशन के मरीजों तक किट पहुंचाने के लिए रवाना किया।

जिले में स्वास्थ्य विभाग होम आइसोलेशन में रह रहे चार हजार से अधिक मरीजों को पहले दवा का पर्चा उपलब्ध कराता था। दवा उन्हें खुद खरीदनी पड़ती थीं, लेकिन अब घर पर ही उन्हें दवा की किट उपलब्ध कराई जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने फूड डिलीवरी करने वाली जोमैटो की मदद से होम आइसोलेशन के मरीज को दवा पहुंचाई। जो फूड डिलीवरी करने वाले कर्मी घर-घर जाकर मरीज को दवा उपलब्ध कराएंगे। इसमें किट में विटामिन सी, विटामिन डी, पैरासिटामोल, एजंथ्रोमाइसीन, डॉकसी, जिंक की गोलियां हैंं।

स्वास्थ्य विभाग लगातार कार्यक्रम की मॉनिटरिंग करेगा। सीएमओ डॉ. दीपक ओहरी ने बताया कि विभाग के एक एसीएमओ को कार्यक्रम की मॉनिटरिंग के लिए लगा दिया गया है। उनकी जिम्मेदारी होगी कि तय समय पर होम आइसोलेशन में संक्रमितों को समय पर दवा पहुंचे। इसका पूरा रिपोर्ट कार्ड विभाग स्तर से रखा जाएगा।

गांवों में घर-घर जाकर होगी कोरोना जांच

कोरोना संक्रमण का प्रसार अब शहरों से गांवों में हो रहा है। अधिक से अधिक लोगों की कोरोना जांच कर उन्हें आइसोलेट करने या अस्पताल में भर्ती करने के लिए अधिकारियों ने अभियान शुरू कर दिया है। अब गांवों में घर-घर जाकर ग्रामीणों की कोरोना जांच की जाएगी। जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग ने 100 टीमों का गठन किया है। इसमें चिकित्सक, नर्सिंग स्टाफ, आशा और एएनएम शामिल हैं। जिले के दादरी, दनकौर, जेवर, बिसरख और रबूपुरा आदि क्षेत्रों में गांवों की संख्या 88 है। लाखों की संख्या में लोग इन गांवों में रहते हैं। गांव में कोरोना संक्रमण की रफ्तार पर नकेल कसने के लिए शासन के निर्देश पर स्वास्थ्य विभाग जरूरी कदम उठा रहा है। विभागीय स्तर पर जिन टीमों का गठन किया गया है, उनकी जिम्मेदारी होगी कि घर-घर जाकर लोगों के स्वास्थ्य का हाल पूछा जाए। अगर किसी में कोरोना के सामान्य लक्षण हैं तो उनका सरकारी प्रोटोकॉल के तहत प्राथमिक उपचार शुरू कर दिया जाए।

महिलाओं और बच्चों के इलाज पर फोकस

इस बार कोरोना वायरस की नई किस्म महिलाओं और बच्चों को भी अपनी चपेट में ले रही है। इसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आदेश जारी किए हैं कि महिलाओं और बच्चों के इलाज की जिले में व्यवस्था दुरूस्त की जाए। इसके अलावा गांव में जो टीमें जांच करने के लिए जाएंगी। उनमें मौजूद कर्मचारियों की ड्यूटी होगी कि बच्चों और महिलाओं का हाल पूछेंगी। यदि किसी महिला या बच्चे में खांसी, जुकाम, बुखार जैसे लक्षण दिख रहे हैं तो उसकी तुरंत जांच कराकर आइसोलेट करने की व्यवस्था की जाएगी।

24 सरकारी एंबुलेंस कोविड के लिए आरक्षित

कोविड संक्रमण का असर तमाम सरकारी तंत्र पर पड़ा है। शासन ने निर्देश दिए हैं कि कुल 75 फीसदी एम्बुलेंस को कोविड के लिए रिजर्व रखा जाए। जिले में एएलएस मिलाकर एम्बुलेंस की संख्या 34 हैं। ऐसे में करीब 24 एम्बुलेंस को कोविड उपचार के लिए रिजर्व कर दिया गया है, शेष एम्बुलेंस सामान्य मरीजों का उपचार करने में लगी रहेंगी।

''शासन के निर्देश पर ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना की कमर तोड़ी जाएगी। इसके लिए टीमों का गठन किया गया है। इन टीमों का कार्य होगा कि ये गांव में लोगों के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी लें और लक्षण मिलने पर लोगों को प्राथमिक उपचार उपलब्ध करा दिया जाए।'' -डॉ. दीपक ओहरी, सीएमओ

1227 नए संक्रमित मिले, 13 मरीजों ने दम तोड़ा

कोरोना की दूसरी लहर ने स्वास्थ्य सेवाओं को बुरी तरह प्रभावित किया है। गुरुवार को जिले में 1,227 कोरोना संक्रमित मिले, जबकि 13 लोगों ने कोरोना से दम तोड़ दिया। 24 घंटे में 1,027 लोग कोरोना को हराकर घर लौट गए हैं। कुछ नए संक्रमितों को ऑक्सीजन लेवल के आधार पर अस्पताल में भर्ती कर लिया गया, जबकि शेष होम आइसोलेट किए गए हैं। जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ. मनोज कुशवाह ने बताया कि गुरुवार को दस कोरोना संक्रमितों की मौत जिम्स में हुई, दो संक्रमितों ने शारदा और एक ने फोर्टिस अस्पताल में दम तोड़ा है। गौर सिटी-2 व एडब्ल्यूएओ सोसाइटी में अभी भी कोरोना का संक्रमण थम नहीं रहा है।

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