डिजिटल डेस्क, तेल अवीव। इजराइल और हमास ने 11 दिन की लड़ाई के बाद आपसी सहमति से संघर्षविराम का फ़ैसला किया। संघर्षविराम शुक्रवार रात 2 बजे से प्रभावी हुआ। संघर्षविराम के बाद दोनों ओर से रॉकेट की बौछार तो बंद हो गई है, लेकिन बयानबाजी देखने को मिल रही है। वहीं शुक्रवार को अल-अक़्सा मस्जिद में जुमे की नमाज़ के बाद फ़िलस्तीनियों और इसराइली सुरक्षाबलों के बीच एक बार फिर झड़प भी देखने को मिली।
क्या कहा इजराइल के प्रधानमंत्री ने?
इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार शाम मीडिया से बातचीत में कहा- जंग की शुरुआत हमने नहीं की थी। बिना उकसावे के हमास ने 4 हजार रॉकेट इजराइल पर दागे। इन हालात में कोई भी देश खामोश नहीं रह सकता और हम भी अलग नहीं हैं। आयरन डोम के जरिए हमने अपनी रक्षा की। अगर ये नहीं होता तो हमें जमीनी कार्रवाई करनी पड़ती और इससे दूसरी तरफ बहुत ज्यादा नुकसान होता।
क्या कहा हमास ने?
दूसरी तरफ, हमास (इजराइल और कई अन्य देश इसे आतंकी संगठन बताते हैं) के पॉलिटिकल चीफ इस्माइल हानिया ने कहा- हमने दर्द सहकर भी इजराइल को इस जंग में हरा दिया। इसका इजराइल के भविष्य पर असर पड़ेगा। हानिया ने हमास को हथियार देने के लिए ईरान की तारीफ की। हानिया का यह बयान आने वाले दिनों में फिलीस्तीन और हमास दोनों के लिए मुसीबत खड़ी कर सकता है। क्योंकि, ईरान हमेशा से अपने एटमी कार्यक्रम को लेकर अमेरिका और इजराइल के निशाने पर रहा है।
हमास की चेतावनी- हाथ ट्रिगर से हटे नहीं हैं
इससे पहले हमास ने चेतावनी दी कि "उसके हाथ ट्रिगर से हटे नहीं हैं", यानी वो हमले की स्थिति में जवाब देने के लिए तैयार है। हमास ने युद्धविराम को "फिलस्तीनी लोगों की जीत" बताया और कहा कि लड़ाई में नष्ट हुए सभी घरों का पुनर्निर्माण किया जाएगा। युद्धविराम की घोषणा के बाद गाजा के लोग काफी खुश नजर आए। वहां जश्न का मनाया गया। बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतर आए और नारेबाजी की और फिलस्तीन का झंडा लहराने लगे।
लड़ाई की शुरुआत 10 मई को हुई थी
इजराइल और हमास के बीच लड़ाई की शुरुआत 10 मई को हुई थी। जिसके बाद दोनों तरफ से हवाई हमले किए। इजराइल के मुताबिक उसने हवाई हमलों के जरिए हमास के ठिकानों और सुरंग नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया। गाजा पट्टी से हमास ने इस्राएल पर 4,000 से अधिक रॉकेट दागे। हालांकि इजराइल के आयरन डोम हवाई प्रतिरक्षा सिस्टम ने हमास के रॉकेटों को हवा में ही नष्ट कर दिया। इस लड़ाई के दौरान 240 से ज़्यादा लोग मारे गए, जिनमें ज़्यादातर मौतें ग़ाज़ा में हुईं।
क्या कहा अमेरिकी राष्ट्रपति ने?
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने युद्ध के थमने पर कहा, "मेरा मानना है कि इजराइल और फिलस्तीन दोनों समान रूप से सुरक्षित और शांतिपूर्ण जीवन और समान स्वतंत्रता, समृद्धि और लोकतांत्रिक मूल्यों के हकदार हैं। मुझे लगता है कि हमने प्रगति की है।" अमेरिकी विदेश विभाग के मुताबिक विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकेन आने वाले दिनों में मध्य पूर्व का दौरा करने वाले हैं, जहां वह अपने इस्राएली समकक्ष से भी मुलाकात करेंगे।
जंग खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा था
दोनों पक्षों पर जंग खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा था। बुधवार को अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन ने इजराइल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू से कहा कि "उन्हें अपेक्षा है कि आज ग़ाज़ा में जारी लड़ाई में "ठोस कमी" आएगी जिससे युद्धविराम का रास्ता निकल सके।" मिस्र, क़तर और संयुक्त राष्ट्र ने भी इजराइल और हमास के बीच मध्यस्थता करने में अहम भूमिका निभाई।
कैसे शुरू हुई जंग?
यहूदी और फिलिस्तीनियों के बीच एक जमीन विवाद के बाद यरुशलम की अल-अक़्सा मस्जिद के पास 7 मई को प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प हुई। अल-अक़्सा मस्जिद के पास पहले भी दोनों पक्षों के बीच झड़प होती रही है मगर 7 मई को हुई हिंसा पिछले कई सालों में सबसे गंभीर थी। इसके बाद तनाव बढ़ता गया और 10 मई को लड़ाई छिड़ गई। हमास ने इसराइल को यहां से हटने की चेतावनी देते हुए रॉकेट दागे और फिर इजराइल ने भी जवाब में हवाई हमले किए।
.Download Dainik Bhaskar Hindi App for Latest Hindi News.
from दैनिक भास्कर हिंदी https://ift.tt/3bK0GW0
https://ift.tt/3hEvkUy
No comments:
Post a Comment