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Dainik Bhaskar Hindi - bhaskarhindi.com, नई दिल्ली। पंजाब नेशनल बैंक में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के मामले में फरार मेहुल चोकसी की डोमिनिका हाईकोर्ट में सुनवाई टल गई है। सुनवाई की अगली तारीख अभी तय नहीं की गई है। हाईकोर्ट को ये तय करना था कि डोमिनिका में मेहुल चोकसी की एंट्री कानूनी थी या गैरकानूनी? साथ ही ये भी तय करना था कि पुलिस ने उसको कानूनी रूप से गिरफ्तार किया है या गैरकानूनी रूप से? इसके बाद ही चोकसी को किसी दूसरे देश को सौंपने पर कोई फैसला लिया जाएगा।

इससे पहले बुधवार को मेहुल चोकसी की जमानत को लेकर मजिस्ट्रेट कोर्ट में सुनवाई हुई थी। कोर्ट ने चोकसी की जमानत को खारिज करते हुए अगली सुनवाई 14 जून को तय की है। ऐसे में अब ये देखना होगा कि हाईकोर्ट में अगली सुनवाई कब होती है। हाईकोर्ट चोकसी की जमानत याचिका पर मजिस्ट्रेट कोर्ट के फैसले का इंतजार करती है या फिर उससे पहले ही सुनवाई कर अपना फैसला सुनाती है। इस देरी के बाद अब मेहुल चोकसी को वापस लाने के लिए भारत को और इंतजार करना पड़ेगा। 

उधर, भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार सभी भगोड़ों को देश वापस लाने के लिए प्रतिबद्ध है और मेहुल चोकसी के डिपोर्ट होने तक सभी प्रयास जारी रखेगी। विदेश मंत्रालय ने कहा, मेहुल चोकसी वर्तमान में डोमिनिका की हिरासत में है और कुछ कानूनी कार्यवाही चल रही है।

बीते दिनों मेहुल चोकसी एंटीगुआ से डोमिनिका पहुंचा था जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। चोकसी की कानूनी टीम ने पिछले हफ्ते डोमिनिका में हिरासत में लिए जाने के बाद हेबियस कॉर्पस प्ली दायर की थी। चोकसी पर एंटीगुआ और बारबुडा से अवैध रूप से डोमिनिका में प्रवेश करने का आरोप है। चोकसी के वकीलों ने आरोप लगाया है कि उनके क्लाइंट का अपहरण किया गया और जबरन डोमिनिका ले जाया गया। वकीलों का यह भी आरोप लगाया है कि चोकसी के साथ मारपीट की गई। चोकसी के शरीर पर चोट के निशानों की कुछ तस्वीरें भी सामने आई थी। 

मेहुल चोकसी की गिरफ्तारी के बाद भारत की जांच एजेंसियां भी डोमिनिका पहुंच गई। एजेंसियों की कोशिश है कि मेहुल चोकसी को सीधे डोमिनिका से भारत ही लाया जाए। भारत की एजेंसियां और अधिकारी डोमिनिका प्रशासन के संपर्क में है। अगर इंटरपोल के नोटिस के आधार पर बात करें तो मेहुल चोकसी की भारत वापसी की संभावना काफी ज्यादा है। क्योंकि मौजूदा वक्त में मेहुल चोकसी एंटीगुआ का नागरिक है, लेकिन उसने कभी अपनी भारतीय नागरिकता छोड़ी ही नहीं। ऐसे में वह भारत का नागरिक भी सिद्ध होगा।

भारत की सरकार ने डोमिनिकन सरकार से भगोड़े हीरा व्यापारी को भारत को सौंपने के लिए कहा, ताकि पीएनबी घोटाले में अपनी भूमिका के लिए चोकसी भारत में कानून का सामना कर सके। वहीं एंटीगुआ के पीएम भी स्पष्ट रूप से कह चुके है कि उनकी सरकार चोकसी की नागरिकता रद्द करने और भारत में उसके प्रत्यर्पण को आगे बढ़ाने के लिए दृढ़ है। मेहुल चोकसी 23 मई को एंटीगुआ से अचानक गायब हो गया था। इसके बाद से एजेंसियां ​​उसकी तलाश में थीं। इसके बाद चोकसी को डोमेनिका में पकड़ा गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, मेहुल चोकसी क्यूबा भागने की फिराक में था। 

CNN-News18 से बातचीत में डोमिनिका पुलिस ने कहा था कि चोकसी को नॉर्थ डोमिनिका के ऐसे इलाके से पकड़ा गया है जहां एक भी एयरपोर्ट नहीं है। माना जा रहा है कि उसने नाव के सहारे ही डोमिनिका में एंट्री ली थी। स्थानीय पुलिस ने बताया कि चोकसी को डोमिनिका की राजधानी रोज के कैनफील्ड बीच पर देखा गया था। उस दौरान वह बीच में कुछ दस्तावेजों को बहा रहा था। उसकी इस संदिग्ध गतिविधियों को देखकर पुलिस को शक हुआ और उसने पूछताछ की। जब पुलिस वालों ने मेहुल चोकसी से डोमिनिका आने का मकसद पूछा तो वह हक्का-बक्का रह गया और उसने जवाब देने से इनकार कर दिया।

गीतांजलि ज्वैलर्स के मालिक चोकसी पर अपने भतीजे नीरव मोदी के साथ पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में 13,500 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है, जिसमें लेटर ऑफ अंडरटेकिंग का इस्तेमाल कर पैसों की हेराफेरी की गई है। चोकसी जनवरी 2018 में विदेश भाग गया था। बाद में पता चला कि उसने एंटीगुआ-बारबुडा की नागरिकता ले ली है। पीएनबी घोटाले की जांच कर रही है केंद्रीय जांच ब्यूरो और प्रवर्तन निदेशालय चोकसी के प्रत्यर्पण की कोशिश में जुटी हैं।



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Mehul Choksi's hearing in Dominican court
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